publish@evincepub.com   +91-9171810321
Previous
Previous Product Image

Heartstrings

199.00
Next

Manjul Geetanjali : Part 2

170.00
Next Product Image

Dushvariyan: Gazal Sangrah

170.00

By: Gazal Sangrah

ISBN: 9789354468537

Price: 170

Page: 105

Category: Poetry / General

Delivery Time: 7-9 Days

Description

About the book

सूचना विस्फोट के दौर में भी नयी पीढ़ी अपने समय को शब्दों में ढाल रही है। उसके कोमल मन पर जो शब्द आ रहे हैं वे प्रेम, करूणा में भी प्रश्न लेकर उपस्थित हैं। गाँव, खेत, खलिहान, रिश्ते-नाते से लेकर नैसर्गिक प्रेम में भी वह निर्भय और आश्वस्त नहीं है। एक अज्ञात भय उसका पीछा कर रहा है। इन सारे संशयों के बावजूद उम्मीदों की एक डोर आश्वस्त करती है कि दुश्वारियाँ ग़ज़ल संग्रह पाठकों को चिन्तन का नया आकाश देगी। वे बिम्ब जो समय के साथ ओझल हो गये हैं, ज़िन्दगी की ज़रूरतों ने जिस मनुष्य को मशीन बना दिया है उन्हें कुछ नया मिलेगा आंसू बहाकर नैतिक बन जाने के लिये। दीपक दूबे का प्रश्न वाचक प्रेम, अशरफ़ अली के कम समय में बड़े अनुभव के शब्दों की गहराई आफ़ताब आलम के प्रेम के अंकुर का प्रवाह साहित्य के संसार में नये द्वार खोलेगा। संभव है कि व्याकरण के मानक पर तीनों नवांकुर खरे न उतरे किन्तु मनुष्य को समझने में वे भूल नहीं कर रहे हैं। निश्चित रूप से पाठकों को कुछ नया अनुभव होगा जो अब तक सहा नहीं गया और कहा नहीं गया। दुश्वारियाँ को नया आकाश मिले, ज़िंदगी की मुश्किलें थोड़ी सी भी हल हो तो निश्चित रूप से यह छोटा सा प्रयास एक दिन समर्थ इतिहास बनेगा। ढेरो मंगलकामनाएँ ज़िंदगी की ज़िद को जीते रहने के लिये।

Reviews

There are no reviews yet.

Only logged in customers who have purchased this product may leave a review.

Shopping cart

6

Subtotal: 1,844.00

View cartCheckout

Call Now Button