Description
ABOUT THE BOOK
रंजना प्रकाश जी का नाम नया नहीं है हिंदी साहित्य जगत में कविता, गीत, ग़ज़ल, भजन, अशआर कहानी, उपन्यास, लेख सभी विधाओं में आपकी सिद्धहस्थ लेखनी का प्रभाव देखा जा सकता है ऑनलाइन आपका साहित्य उपलब्ध है ।
पढ़िए उनका नया काव्य संग्रह :-
उन्हें फ़ासलों से मुहब्बत बड़ी है,
हमें दूर रहने की आदत नहीं है ।
यूँ ही तो अच्छा नहीं लगता कोई,
ख़ास हैं हम, वो भी कोई ख़ास ही होगा ।।
ऐसी ही खूबसूरत रचनाओं को पढ़िए ” कहकशाँ ” में
धन्यवाद
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