Description
आज कल समाज में आदरणीय लोगों को उचित सम्मान नहीं मिल रहा हैI अक्सर देखने मे आता है की बच्चे उनकी देख भाल नहीं करतेI बच्चो को प्यार से पालने के बावजूद भी ढलती उमर मे उन्हे बहुत से कठिनायों का सामना करना पड़ता हैI समस्याएं अनेक होती है पर उसका हल एक ही होता हैI अगर आने वाली पीढ़ी ये समझ जाए तो इन समस्याओं से छुटकारा मिल सकता हैI बस यही बात कहना का प्रयत्न छोटे छोटे उदाहरण देकर कहानियों के रूप मे किया गया हैI
About The Author
सुधाश्री का जन्म मुरादाबाद में १९५२ में हुआ था I उन्होने बॅच्लर्स डिग्री प्राप्त की है विज्ञान मे परंतु अन्या कलाओं में रूचि होने के कारण संगीत में उच्च शिक्षा प्राप्त की है I इनका जीवन विभिन्न कंपनियों के कॉलोनियों में बीता, जहाँ इन्होने लॅडीस क्लब की ओर से जगह जगह से सामाजिक कार्य किया और समाज में सुधार लाने के लिए दहेज, महिला सम्मान जैसे विषयों पर नाटक लिखे औऱ उनका निर्देशन भी किया
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