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Zindagi-kuchh khatti-kuchh mithi

255.00

By: Chandrakala Srivastava (Chandrakiran)

ISBN: 9789354464485

PRICE: 255

Category: PPOETRY / General

Delivery Time: 7-9 Days

Description

About the book

मेरे पास है सिर्फ अश्क़ों का ख़जाना…..
न मेरे पास आना तुम मुझे भूल ही जाना…..
मिलेगा न तुझको मेरे पास कुछ भी……
फिर शिकायत न करना न आँसू बहाना……
ले के जाओ तुम कहीं भी अब अपनी मोहब्बत…..
नहीं पास मेरे तेरी मोहब्बत का ठिकाना…..
कहीं दूर जाकर तुम अपना ठिकाना बनाओ…..
सदा खुश रहो तुम अपना आशियाना बनाओ……
हम जब तक जिएंगे ये आँसू बहेंगे….
क्योंकि नहीं दामन बना मेरे इन आँसुओं के लिए कोई….
फिकर तुम न करना तुम सदा मुस्कुराना…..
बसेंगे हम तेरे अब उन मुस्कुराहटों में…….
तेरे दिल के गीतों और दिल की चाहतों में……
दुआयें हम करते हैं अब तेरी ख़ैरियत के…..
क्योंकि मोहब्बत है करते तुम से जी भर-भर के……

About the author

जन्म- सन् 22 अगस्त 1953 में, शहर कोलकाता, हावड़ा (B.)पश्चिम बंगाल के बहुत निरीह और मध्यम वर्ग के परिवार में हुआ। पिता स्वर्गीय श्री पांचू लाल श्रीवास्तव और माता श्रीमती स्वर्गीय कमला देवी के घर संतान का जन्म हुआ छः कन्या और 2 पुत्र……………………।
इन आठ संतानों में मैं उनके प्यार का पहला फूल यानी मैं……… मैं सबसे बड़ी………. इसीलिए प्यार दुलार और स्नेह का हकदार भी मैं बनी.

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