publish@evincepub.com   +91-9171810321
Previous
Previous Product Image

Manu Tarang – Kavya Sangrah

165.00
Next

Wo Swarnim Pal

140.00

Tabaah Shuda

99.00

by Nawab Faraz Farooqui

ISBN: 9789388855419

PRICE: 99/-

Pages: 49

Category: Poetry / General

Delivery Time: 7-9 Days

 

Description

हिज्र के वक्त की कैफियत पर बहुत कुछ लिखा गया है । पर उस दौरान-ए-हाल में जिस्म पर तारी वहशत पर शायद ही लिखा गया हो । वह वहशत जो खून थुकवाती है । वह वहशत जिसका जिक्र जॉन एलिया अक्सर किया करते थे । यह हर किसी के अंदर मौजूद होती है और हम बड़ी चालाकी से इसे मारते आ रहे हैं । वो वहशत जिससे मेरा रोज का मिलना है । उसी मुलाकात को लिख रहा हूँ । मुझे पढ़ना मैं आपको लिख रहा हूँ ।

ABOUT THE AUTHOR
नवाब फराज़ फारुक़ी का जन्म उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद जिले के मऊ आइमा कस्बे में 1996 में हुआ। 12वीं तक की पढ़ाई इलाहाबाद से करने के बाद उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से लिंग्विस्टिक्स विषय में बीए ऑनर्स की डिग्री ली । अब एमबीए कर रहे हैं । खुद को घुमक्कड़ कछुआ कहने वाले राजनीति, क्रिकेट और इतिहास में भी खा़सी दिलचस्पी रखते हैं । सिर्फ जॉन एलिया को पढ़ते हैं और खुद को एलीयाई बताते हैं । जॉन की ही तरह खुद की कैफियत लिखने की एक नाकाम कोशिश अपना पहला काव्य संग्रह लेकर आ रहे हैं।

Reviews

There are no reviews yet.

Only logged in customers who have purchased this product may leave a review.

Shopping cart

0
image/svg+xml

No products in the cart.

Continue Shopping
Call Now Button