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Stri Evam Dalit Aatmkatha: Srijan Aur Sangharsh

420.00

By: Dr. Nirmal Suwasiya

ISBN: 9789356738782

Price: 420

Page: 313

Category: EDUCATION / General

Delivery Time: 7-9 Days

Description

ABOUT THE BOOK

स्त्री और दलित आत्मकथाओं का हिंदी साहित्य में विशेष स्थान है। 20वीं सदी के अंतिम दशक में स्त्री और दलित आत्मकथाओं का उदय हुआ जो 21वीं सदी के पहले दशक में समग्र विकास के परिणामस्वरूप बढ़ा। इन दोनों प्रकार की आत्मकथाओं का आरंभ और विकास लगभग समानांतर है। आत्मकथा लेखन स्त्री के सशक्तिकरण और दलितों के उत्थान की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हुआ है। आमतौर पर दुनिया में हर दो चीजें अलग होती हैं। दो व्यक्तियों के बीच भी अंतर केवल आकार के आधार पर नहीं, बल्कि उनके स्वभाव, विचारधारा और चिंतन में भी लक्षित होता है। यह अंतर सूक्ष्म से स्थूल रूप में दिखाई देता है। जो भावनात्मक भी हो सकता है। साहित्य मनुष्य की वैचारिक अभिव्यक्ति है। अतः दो लेखक कभी भी बिल्कुल समान साहित्य नहीं रच सकते, न तो भावना के लिहाज से और न ही कला के संदर्भ में। इसलिए इन दोनों प्रकार की आत्मकथाओं का तुलनात्मक अध्ययन इस पुस्तक का आधार है। यह पुस्तक स्त्री और दलित विमर्श की कड़ी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

ABOUT THE AUTHOR

“डॉ. निर्मल सुवासिया हिंदी साहित्य के एक गंभीर विद्वान हैं। आपको स्त्री और दलित विमर्श के क्षेत्र में विशेषज्ञता प्राप्त है। डॉ. सुवासिया ने अपनी संपूर्ण शिक्षा विभिन्न प्रतिष्ठित सरकारी संस्थानों से पूरी की है। उन्होंने बी.एड. की डिग्री गवर्नमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस स्टडीज इन एजुकेशन, अजमेर से प्राप्त की और उच्च शिक्षा सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ राजस्थान, अजमेर से पूरी की। वर्तमान में वे सात वर्षों से सिरोही जिले में प्राध्यापक (हिंदी) के रूप में कार्यरत हैं। आपके कई शोध पत्र विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर के सेमिनारों, पत्रिकाओं और पुस्तकों में प्रकाशित हो चुके हैं। इसके अलावा, आपको स्त्री और दलित विमर्श में विशेष योगदान के लिए ‘शोधार्थी रत्न सम्मान’ और ‘डॉ. अम्बेडकर राष्ट्र गौरव सम्मान’ प्राप्त हुआ है।
डॉ. सुवासिया, जो प्रारंभ से ही प्रतिभाशाली रहे हैं, ने यूजीसी द्वारा आयोजित राष्ट्रीय स्तर की नेट परीक्षा को तीन बार और जेआरएफ को दो बार उत्तीर्ण किया है। उन्हें यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन, नई दिल्ली से शोध फेलोशिप भी प्रदान की गई थी।”

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