Description
आधुनिक समय में सभी मनुष्य समस्याओं से घिरे हैं। जरूरतें बढ़ती जा रही हैं जो साथ में कई समस्याओं को लेकर आती हैं। अर्थिक तंगी, कर्ज़, क्रेडिट कार्ड यह सब आम आदमी के जीवन का हिस्सा बन चुके हैं कोई भी इन समस्याओं से परे नहीं जा पाया। आज कल खर्च इतने बढ़ गए है कि हर इंसान को अपने जीवन में कुछ न कुछ लोन लेना पड़ता हैं और जिसको चुकाते चुकाते उस इंसान की चमड़ी हड्डियाँ जीते जी राख बन जाती हैं। इस पुस्तक के पात्र काल्पनिक ही सही पर यह सुत्र जुड़े हैं। हर आम इंसान की ज़िंदगी से यह शुद्ध शोषण हर आम आदमी और कमज़ोर व्यक्ति के साथ होता हैं। जिसका बोझ पीढ़ियों-दर पीढ़ी चलता हैं। निश्चय ही इस बुराई का अन्त होना आवश्यक हैं। जो अमीर को और अमीर और गरीब को और गरीब बनाती हैं।
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