Description
About the book
श्री हरि विष्णु की शरण सभी मनोरथ पूर्ण करती है । श्री सत्यनारायण कथा भी उस कल्याणकारी श्री विष्णु की कथा है। यह कथा मनुष्य को सतमार्ग में चलने की प्रेरणा देती है ; जिससे कि व्यक्ति का जीवन सफल हो सके । इस पुस्तक में कथा के मर्म को जानने का प्रयत्न हुआ है । शास्त्रों का वचन है कि कलयुग में कथाओं का श्रवण भक्ति का श्रेष्ठ माध्यम है । इस कथा का उद्देश्य सर्वांगीण उत्थान है जिसमें मन , शरीर व परिवेश सभी सात्विक बन जाते हैं । इस पुस्तिका में व्रत , सरल पूजा विधि व कथा आयोजन , कथा जनित लाभ आदि का संक्षिप्त वर्णन है । पुरोहितों द्वारा सत्यनारायण कथा में प्रयुक्त विधि भी इस पुस्तक में दी गयी है ,जो किसी अन्य पुस्तक में एक स्थान पर नहीं मिलती। पुस्तक में श्री सत्यनारायण के 108 नामों का भी स्मरण है । कथा में आये संस्कृत श्लोकों का उचित संदर्भ एवं सरल अर्थ दिया गया है । इस कथा को प्रायः व्यक्ति स्वयं कर लेता है , जो इसकी विशेषता भी है । साथ ही, पुस्तक में कतिपय जीवनोपियोगी मंत्र, सूक्त, वचन एवं संस्कार ज्ञान दिया गया है।
About the author
श्री हीरा बल्लभ जोशी ने सनातन धर्म पर अनेक पुस्तकें व लेख लिखे हैं । गरुड़ पुराण पर संकलित उनकी पुस्तक लोकप्रिय है । श्री जोशी लंबे समय से पुरोहिती वृत्ति में सरलता, पवित्रता, ज्ञान और करुणा की परंपरा के पुनस्थापना हेतु कर रहे हैं। ‘सनातन हिन्दू – एक अद्भुत मानव धर्म’ तथा ‘सनातन धर्म : नित्य कर्म एवं ऋतु चर्या ‘ आदि उनकी अन्य पुस्तकें हैं।
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