Description
जीवन पूर्णतः उतार- चढ़ाव से परिपूर्ण है। कई तरह की घटनाएँ हमारे समक्ष घटती है जिनका हमारे मन-मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव पड़ता है। यही घटनाएँ हमारे अनुभव का आधार होती हैं तथा न जाने कितनी बार यथार्थ से हमे परिचय करा जाती है। अपने आस-पास इन्ही बिखरी हुई घटनाओं ने मुझे प्रेरित किया कि मैं उन्हें कलमबध्द करूँ और कहानियों का स्वरूप प्रदान कर साहित्य सृजन में स्वयं की भागीदारी सुनिश्चित करूँ। कहानी संग्रह “सेतु-बंध” एक ऐसा ही प्रयास है जिसमे मेरे जीवन के आस-पास अथवा मेरे स्वयं के जीवन में घटित घटनाओं को आधार बना ग्यारह कहानियों को समावेश किया गया है। ये ग्यारह कहानियाँ अलग-अलग परिस्थितियों तथा परिवेश को परिलक्षित करती है। कहीं पर इसमें स्थापित व्यवस्था के प्रति सीधा सच्चा प्रहार है तो कहीं मानवीय संबंधों का रिश्तों और संवेदनाओं को लेकर ताना-बाना बुना गया है। प्रत्येक कहानी का आधार कहीं न कहीं सत्यता पर आधारित है इसमें किसी भी प्रकार के संशय की गुंजाईश नहीं है। बाद में कल्पनाओं को गढ़ा अवश्य गया पर कथानक यथार्थ से जुड़ा हुआ है। कहानी संग्रह का शीर्षक “सेतु-बंध” मेरी एक ऐसी कहानी है जिसे मैंने अपने महाविद्यालयीन शिक्षा प्राप्ति के दौरान अपने मस्तिष्क के धरातल पर अंकुरित किया था पर उसे कहानी का आकार नहीं दे पाया था। यह एक मनोवैज्ञानिक कहानी है जो अब जाकर पूर्ण हो पायी है। इसी कहानी के शीर्षक को कहानी संग्रह का भी नाम प्रदान किया गया है। – सन्तोष मोहन्ती “दीप”
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