publish@evincepub.com   +91-9171810321
Previous
Previous Product Image

MIDNIGHT MOANING ( Hardcover )

499.00
Next

Sharbati Zindagi

250.00
Next Product Image

Satpuda Ki Pagdandiyan

199.00

By: Ramesh Gohe

ISBN: 9789354469534

Page: 147

Price: 199

Category: Poetry/ General

Delivery Time: 7-9 Days

Description

ABOUT THE BOOK

मध्यवर्ग की ऊब और उदासी में डूबे अकेलेपन का कोरसगान कर रही आज मध्यवर्गीय जीवन संवेदना वाली कविताओं के एक ऐसे समय में जब अभावों और दरिद्रता का अंधेरा गांवों को लीलता जा रहा है। तिल-तिल टूटते-बिखरते गांव आज की कहानियों और कविताओं से लगातार बेदखल हो रहे है। तब सतपुड़ा की ऊबड़-खाबड़ पगडंडियों के सहारे रमेश गोहे की ये कविताएं उन्हीं बदरंग हो रहे गांवों की ओर हमें ले जा रही हैं। बिलकुल उसी तरह जैसा कभी मुक्तिबोध ने कहा था- “कविता में कहने की आदत नही, पर कह दूँ।”
(भूमिका से)

Reviews

There are no reviews yet.

Only logged in customers who have purchased this product may leave a review.

Shopping cart

0
image/svg+xml

No products in the cart.

Continue Shopping
Call Now Button