Description
मैं कोई लेखक नहीं हूं, न ही मैंने इससे पहले कभी कोई उपन्यास पढ़ा या प्रेरित हुआ किसी से, इसलिए कैसा लिखा है पता नहीं. क्या गलत है क्या सही है किताब के अंदर.. खो चुका था पता ही नहीं लग रहा था जीवन में क्या करू क्या नहीं.. ऊपर से बचपन बहुत समस्याएं में गुजरी.. इसकी गलती किसी को नहीं देना चाहता क्योंकि मेरे साथ – साथ मेरे मम्मी – पापा ने सब कुछ झेला है फिर एक समय ऐसा आया जब मुझे मम्मी पापा ने छोड़ दिया.. या कुछ ऐसे इल्जाम लगे जो मैंने किया ही नहीं सबने अपना रास्ता साफ करने के लिए.. कोई मेरी बात समाधान को तैयार नहीं था कोई मुझे सुन्ना नहीं चाहता था सबने पूरी फैमिली की गलती मेरे ऊपर डाल दिया सब कुछ खतम हो गया था फिर मैंने लिखना शुरू किया इसमे कुछ ऐसी बात भी है जिसे मेरी बेज्जती भी हो सकती है इसलिय मैं कभी सोचा नहीं था कि इसको मैं प्रकाशित करूँगा, मैं केवल डायरी के रूप में रखना चाहता था की अगर किसी दिन मेरी मृत्यु हो गयी तो या कुछ भी हो गया अचानक तो कम से कम जो इल्जाम है मेरे ऊपर है वो घर वालों को पता लग जाए की मै वो वजह नहीं था जिसकी वजह से हुआ |
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