Description
यह पुस्तक बनावटी मुखोटे से बने चेहरों को साफ आइना दिखाती है यहां पर उन लोगों से सीधी बगावत करी गई है जो लोग खुद को खुदा समझने लगे हैं गरीबों पर अत्याचार कर उनकी आवाजों को दबाकर उन पर राज करना चाहते, जब तक यह सियासत बेकसूर ओं को सताती रहेगी, सच बताऊं तो ऐसी रहस्यमयी महामारी दुनिया में आती रहेंगी,
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यह पुस्तक बनावटी मुखोटे से बने चेहरों को साफ आइना दिखाती है यहां पर उन लोगों से सीधी बगावत करी गई है जो लोग खुद को खुदा समझने लगे हैं गरीबों पर अत्याचार कर उनकी आवाजों को दबाकर उन पर राज करना चाहते, जब तक यह सियासत बेकसूर ओं को सताती रहेगी, सच बताऊं तो ऐसी रहस्यमयी महामारी दुनिया में आती रहेंगी,
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