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संगीत में लय के 03 प्रकार होते हैं I विलंबित लय, मध्य लय और द्रुत लय I प्रकृति में भी लय के ये 03 प्रकार देखने को मिलते हैं I सूर्य का सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक एक समान गति से चलना विलंबित लय का, दिल की धड़कन का एक समान गति से धड़कना मध्य लय का और नदी का एक सामान्य प्रवाह में चलना द्रुत लय का उदाहरण है I
– ऋषभ भारद्वाज
वीणा और वाणी के मेल से संगीत बनता है I कंठ को गात्र वीणा भी कहा जाता है और कंठ रुपी वीणा से ही वाणी रुपी स्वर प्रकट होता है जिससे संगीत जन्म लेता है I
– ऋषभ भारद्वाज
गला जितना गीला होगा , गायन उतना सुरीला होगा I
– ऋषभ भारद्वाज
All the theory is practical and all the practical is theory in music.
– Rishabh Bhardwaj
लोगों का लोगों द्वारा लोगों के लिए अपनी क्षेत्रीय बोली में बनाया गया संगीत ही लोक संगीत होता है I
– ऋषभ भारद्वाज
जिस प्रकार से Volleyball, Hand Ball और Foot Ball के खेल में Ball तो एक जैसी ही दिखती है लेकिन फिर भी ये सभी खेल अलग-अलग तरीकों से खेले जाते हैं I ठीक उसी प्रकार से संगीत के स्वर भी एक जैसे होते हुए भी अलग-अलग रागों में अलग-अलग तरह से प्रयोग किए जाते हैं I
– ऋषभ भारद्वाज
कान अच्छे कर लो तान ख़ुद ही अच्छी हो जाएगी I
– ऋषभ भारद्वाज
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