Description
ABOUT THE BOOK
अधेड़ उम्र के नास्तिक पुरातत्वविद् सुशांत गुप्ता पहाड़ियों में सदियों पहले दफन एक प्राचीन चर्च की खुदाई करवा रहे हैं । उनका मानना है कि वहाँ ईसा मसीह की वास्तविक कब्र है । प्रोफेसर सुशांत यह साबित करना चाहते हैं कि यीशु ने सूली पर चढ़ने और पुनरुत्थान के बाद अपने आखिरी दिन कश्मीर की उन पहाड़ियों में ही बिताए थे । वे अपने दावे को सही साबित करने के लिए किसी ठोस सुराग को खोजने के लिए ही वहाँ खुदाई करवा रहे हैं । ऐसा कोई भी खुलासा पूरी कैथोलिक आस्था में उथल-पुथल मचा सकता था । इसके बावजूद सुशांत की टीम चर्च को खोद निकालती है, लेकिन धूल-मिट्टी और यीशु के पार्थिव शरीर के अवशेषों के साथ ही उन्हें वहाँ ‘पुतली’ नाम की एक लकड़ी की गुड़िया भी मिलती है, जिसकी बस एक ही आँख है । उधर रेवरेंट जिम जोंस एक दिव्य विभूति हैं, जिनका दावा है कि उन्हें स्वयं यीशु की आत्मा ने छुआ है और अपनी इसी आस्था की बदौलत उनमें दिव्य क्षमताएं हैं, जिनसे वे बड़े से बड़े रोग को भी ठीक कर सकते हैं । पोप के द्वारा उन्हें प्रोफेसर सुशांत द्वारा जुटाए गए तथ्यों और दावों की जांच-पड़ताल करने के लिए वेटिकन से भारत भेजा जाता है, जहाँ उनका सामना पुतली से होता है, जिसके माध्यम से एक शैतानी ताकत रक्तपात करने और तबाही मचाने के लिए तैयार है । हत्यारी गुड़िया को कैसे वश में किया जा सकता है और इसे कैसे नष्ट किया जा सकता है? क्या जिम जोंस की आस्था उन्हें उस शैतानी ताकत के कहर से बचा सकेगी? जब आप इस पुस्तक को पढ़ेंगे तो आस्था और मृत्यु की भयावहता के बारे में उक्त सवालों के जवाब पा सकेंगे ।
Reviews
There are no reviews yet.