Description
About the book
“प्रिय अभिभावको, परीक्षा की मार्कशीट बुद्धिमता का दर्पण नहीं है और यह आपके बच्चों का भविष्य तय नहीं करती है। अपने सपनो को बच्चों पर न डाले। हम किसी की नॉलेज और इंटेलिजेंस का आकलन उसके अंकों के आधार पर नहीं कर सकते, सभी में अलग-अलग गुण और योग्यता होती है इसलिए अपने बच्चों की दूसरों के साथ तुलना न करें। कोई भी एग्जाम जिंदगी का फुलस्टॉप नहीं होता, इसलिए अपना नजरिया बदले और बच्चो को अपने जीवन के हर पल का आनंद लेने दें …
धन्यवाद…”
About the author
“वह पेशे से चार्टर्ड एकाउंटेंट है, वर्तमान मे एक निजी कंपनी में नौकरी करती है। वह उत्तर प्रदेश के एक छोटे से कसबे ‘देवबंद’ से है। स्नातक (बी कॉम) और सीए (इंटर) के बाद उनकी शादी हो गयी लेकिन दुर्भाग्य से उसकी शादी असफल रही । एक बेटी की माँ होने के नाते उन्हें अपने जीवन में बहुत संघर्ष करना पड़ा, लेकिन उन्होंने आगे बढ़ने का फैसला किया और अपना सीए पूरा किया। वह स्वयं को कई महिलाओं के लिए प्रेरणा मानती हैं।
वह भारतीय होने पर गर्व महसूस करती है और सबसे ज्यादा जो चीज उन्हें आकर्षित करती है, वह है हमारा राष्ट्रीय ध्वज !
जय हिन्द”
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