Description
About the book
मेरे प्रिय भारतवासियों मैं आप सभी का अभिनंदन करतीं हूं। मेरी विभिन्न कविताएं है, मुझे मेरे देश से मेरे हिंदुस्तान से बहुत स्नेह है, मुझे मेरे देश की चंदन माटी से बहुत लगाव है। मेरी कविताएं मेरी बगिया के फूल है, मैं इसे पढ़ती हूं जीती हूं, ये सब मेरे परिवार है, मैंने अपनी कविताओं में माता पिता से लेकर हर रिश्ते को श्रेय दिया है, सबका अपना एक अलग पहचान है, प्यार है सम्मान है, सभी एक दूसरे के बगैर अधूरे हैं , ये सब मेरी बगिया के फूल है , मैंने अपनी कविताओं में माता पिता से सम्बंधित, बेटियों से सम्बंधित, पति-पत्नी से सम्बंधित, धरती से देश से सम्बंधित प्यार मोहब्बत से सम्बंधित, और भी अनेक कविताएं लिखी हैं मेरी सभी कविताएं फूलों की लड़ियां है सुगंधित खूशबूए है, जिन्हें मैं आप सभी तक पहुंचाने का प्रयास किया है, ये हम सब के बगिया के फूल है, त्रुटियों के लिए क्षमा प्रार्थी हूं।
About the author
मैं रायपुर छत्तीसगढ़ से हूं। रायपुर के पास ग्राम बोरिया कला मेरा जन्म स्थान है, मैं मां कौशल्या की धरती से हूं, छत्तीसगढ़ की बेटी हूं, मुझे बचपन से ही कविता लिखने का शौंक है, मेरे पिता श्री धन्नुलाल पचौरी, और माता श्री सुशीला पचौरी है। मैं अपनी कविताओं को मेरी मां सुशीला पचौरी, और मेरी सासु मां श्री मति पार्वती शर्मा को समर्पित करतीं हूं, मुझे मेरी दोनों माताओं का भरपूर आशिर्वाद है, दोनों मेरी प्रेरणा है, और साथ में चार चांद लगाने वाले जगत के पालनहार भी शामिल है, मेरी भावनाओं में डूबी हुई कविताएं है, दिल से निकली हुई कविताएं है, मेरी बगिया के फूल है, कृपया मेरी त्रुटियों पर ध्यान न दिजियेगा, उसके लिए मैं क्षमा प्रार्थी हूं।
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