Description
ABOUT THE BOOK
मनुष्य ने अपने जीवन की साहित्य लिखाण प्रारम्भ दादा-दादी, नाना-नानी से कहानी-कथा को सुनकर की है । जैसे-जैसे मनुष्य अपने यात्रा में आगे बढ़ता गया, उसे कई अनुभवों से कहानी, लेख, कथा ओर एकांकी इत्यादि को जन्म देने लगा । इसी परिप्रेक्ष्य लेखक ने अनुभवों को आंशिक सत्य को कल्पना का परिधान पहना कर “लघु-कथा” को काफी मर्मस्पर्शी करने की कोशिश की है । “लघु-कथा” में नन्हे का हठ, प्राणी की स्वामीभक्ति, मित्रो का लुप्त हो जाना, पाठकों निश्चित पसंद आयेगी ।
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