Description
वैसे तो आप जानते हैं कि आपको ये पुस्तक कैसे पढ़नी चाहिए, लेकिन लेखक-लेखिका का नज़रिया कुछ अलग तरीके से पढ़ने के लिए कहता है। सबसे अच्छा होगा यदि आप इस पुस्तक के सबसे आखिरी अध्याय ‘सातों के सात, एक साथ : होगी सफलता आपके हाथ।’ पहले एक बार पढ़ लें। फिर पूरी पुस्तक शुरू से पढ़ते जाएँ और आखिर में एक बार पुनः वही अध्याय पढ़ें। ऐसे करके पढ़ने से आपको इस पुस्तक का केंद्रीय भाव मिल सकेगा। यही केन्द्रीय भाव आपको वो सीखाने में मदद करेगा जो इस पुस्तक उद्देश्य है। आप अपने जीवन के बारे में क्या सोचते हैं? सब कुछ कैसा चल रहा है? वो कौन लोग हैं जो आपके आस-पास हैं? आपके आस-पास के कौन से कारक आपके जीवन में किस तरह से एक बड़ा बदलाव ला रहे हैं और आपको पता नहीं चल पा रहा है? निश्चित रूप से आप इन सभी सवालों के बारे में एक समझ बनाने जा रहे हैं। इस पुस्तक को अपने पूरे मन से बिना किसी पूर्वानुमान के पढ़ते जाइए, आपको बहुत कुछ मिलने वाला है। आपको विश्वास दिलाया जाता है कि आप सफल विचारों की एक दिलचस्प पुस्तक पढ़ने जा रहे हैं।
About the Author
अजय कुमार मौर्य जी एक युवा व्यवसायी हैं। अजय जी भारत में उत्तर प्रदेश के जिला हापुड़ में एक कस्बे से संबन्धित हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय से शिक्षा स्नातक रह चुके अजय जी अपने कैरियर के शुरुआती दिनों से ही एक उत्कृष्ट सोच के व्यक्ति हैं। कैरियर की शुरुआत एक अध्यापक के रूप में करने के बाद अजय जी ने स्वयं को एक व्यवसायी के रूप में स्थापित किया। सामाजिक कार्यों में लगातार लगे रहने के कारण अजय जी का सामाजिक नज़रिया बना। अजय जी एक सफल वक्ता होने के साथ-साथ एक अच्छे मोटीवेटर भी हैं। अजय जी एक अच्छे कवि भी हैं। साधारण जीवन शैली और उच्च विचारों का समर्थन करने वालीं रेशमा जी भारत के उत्तर प्रदेश के जिला हापुड़ में एक कस्बे से संबन्धित हैं। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से शिक्षा विषय को लेकर पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल करने वाली रेशमा जी एक अध्यापिका हैं। बच्चों के प्रति एक सकारात्मक नज़रिया रखने वाली रेशमा जी एक लेखक होने के साथ-साथ शिक्षा को लेकर चिंतन का अद्भुत दृष्टिकोण भी रखती हैं। एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में रेशमा जी की सामाजिक भागीदारी उत्कृष्ट है।
Reviews
There are no reviews yet.