Description
काव्य संग्रह “धुंध पिघलने लगा है” विभिन्न परिस्थितियों पर लिखी कविता का प्रस्तुतिकरण है । इस काव्य संग्रह में मानवीय संबंधों का उल्लेख है तो कहीं प्रकृति के सौन्दर्य का चित्रण है । कहीं देश में व्याप्त अव्यवस्था पर प्रहार है तो कहीं प्रेम की सहज अभिव्यक्ति भी है । कही अतीत में पसरी यादों की वेदना है तो कहीं भविष्य के प्रति आशा और विश्वास का समागम है । जब जैसी भी परिस्थिति का आगमन हुआ, कविता का भी सृजन हुआ । भावनाओं को कविता में ढाल दिया गया है और उनके संग्रह की परिणति ही यह काव्य संग्रह है ।
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