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Kilkari-Khushi Ki

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By: Deokinandan Deora

ISBN: 9789354466021

PRICE: 250

Category: POETRY / General

Delivery Time: 7-9 Days

Description

About the book

कोरोना महामारी के कारण लगाए गए प्रथम लोकडॉउन के दौरान लेखक ने ब्लॉग्स लिखने शुरू किए थे जिनका संकलन उन्होंने कुछ समय पूर्व “कहानी लोकडॉउन की” नामक पुष्तक के रूप में किया था। सभी मित्रों को वह पुस्तक न केवल पसंद आयी बल्कि इस निराशाजनक वातवरण में आशा की रोशनी फैलाने वाला एक प्रयास लगा। जैसा कि हम जानते हैं, कोरोना का असर सभी अनुमानों को झुठलाता हुआ बहुत लम्बे समय तक चला और अभी भी अनिश्चितता बनी हुयी है, ऐसे समय में धैर्य और अनुशासन की बहुत जरूरत होती है। कठिनाइयों को हावी होने दिया जाए तो वे कहर ढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ती है, और यदि उन्हें हम एक दूसरे को बता कर विचार विमर्श करते हैं तो कोई ना कोई समाधान अवश्य निकलता है। इन्ही उतार चढ़ावों के बीच लेखक ने जो मह्शूश किया, जब जब जैसे भाव आये उनको कविता ,कहानी या लघु लेखों के माध्यम से व्यक्त करते गये। उन्ही का संकलन आपके सामने इस पुष्तक “किलकारी – खुशी की” के रूप में प्रस्तुत किया गया है। पुष्तक में वर्णित कोई भी कविता या लेख यदि पाठक-गण को कुछ क्षणों के लिए भी भाव विभोर कर सका तो लेखक अपने प्रयास को सार्थक समझेंगे। आप सभी के सुझाव बहुत महत्वपूर्ण हैं, कृपया उन्हें लेखक के ईमेल ID: dndeora@yahoo.com पर भेज सकते हैं।

About the author

कोरोना महामारी के कारण लगाए गए प्रथम लोकडॉउन के दौरान लेखक ने ब्लॉग्स लिखने शुरू किए थे जिनका संकलन उन्होंने कुछ समय पूर्व “कहानी लोकडॉउन की” नामक पुष्तक के रूप में किया था। सभी मित्रों को वह पुस्तक न केवल पसंद आयी बल्कि इस निराशाजनक वातवरण में आशा की रोशनी फैलाने वाला एक प्रयास लगा। जैसा कि हम जानते हैं, कोरोना का असर सभी अनुमानों को झुठलाता हुआ बहुत लम्बे समय तक चला और अभी भी अनिश्चितता बनी हुयी है, ऐसे समय में धैर्य और अनुशासन की बहुत जरूरत होती है। कठिनाइयों को हावी होने दिया जाए तो वे कहर ढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ती है, और यदि उन्हें हम एक दूसरे को बता कर विचार विमर्श करते हैं तो कोई ना कोई समाधान अवश्य निकलता है। इन्ही उतार चढ़ावों के बीच लेखक ने जो मह्शूश किया, जब जब जैसे भाव आये उनको कविता ,कहानी या लघु लेखों के माध्यम से व्यक्त करते गये। उन्ही का संकलन आपके सामने इस पुष्तक “किलकारी – खुशी की” के रूप में प्रस्तुत किया गया है। पुष्तक में वर्णित कोई भी कविता या लेख यदि पाठक-गण को कुछ क्षणों के लिए भी भाव विभोर कर सका तो लेखक अपने प्रयास को सार्थक समझेंगे। आप सभी के सुझाव बहुत महत्वपूर्ण हैं, कृपया उन्हें लेखक के ईमेल ID: dndeora@yahoo.com पर भेज सकते हैं।

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