Description
कविताओं का संकलन, विभिन्न भावों की अभिव्यक्तियों से रंगी विभिन्न कविताओं की महक सहेजने का प्रयास…
प्रश्नों और भावनाओं की स्फुरणा कविताओं के रूप में व्यक्त हैं…
कविताएँ…
महज शब्द नहीं ,
भावनाओं की रसधार होती हैं कविताएँ…
उमड़ते घुमड़ते बादलों का
पयोधार होती हैं कविताएँ
कलम से पन्नों तक कभी सिसकन
कभी हुँकार होती हैं कविताएँ
किसी कवि की कल्पना का
शब्दों में आकार होती हैं कविताएँ
हियतल से निकली लेखनी से उतरी
आकाश तक विस्तार होती हैं कविताएँ
कभी कोमल सी सेज तो कभी
तलवार की धार होती हैं कविताएँ
भावों की जलधि पर उमगती
जैसे ज्वार होती हैं कविताएँ
जैसे शब्दों की छाती से लिपटी यौवना
कोई न कोई सार होती हैं कविताएँ
यह किताब समर्पित है समर्थ सदगुरुदेव श्री रामलाल जी सियाग को जिनकी कृपा मुझमें प्रवाहित हो रही है…
About the Author
एक साधारण नारी जो असाधारण से सपने पालती है।
लेखन में रुचि को मूर्त रूप देना कुछ समय पूर्व ही आरम्भ किया।कहानी संकलन ‘पौ बारह’ का प्रकाशन हो चुका है।इक्यावन कविताओं का यह पहला संकलन है । विभिन्न विषयों पर अपने स्वतंत्र विचारों को समाज के लिए चुनौती के रूप में देखती हैं क्योंकि किसी भी तरह के अंधानुकरण की विरोधी हैं।मानव के रूप में सर्वोत्तम स्थिति प्राप्त करने की इच्छुक महिमा स्वयं को अध्यात्म के संरक्षण में रखती हैं और अपनी दो बेटियों को सक्षम,सफ़ल और उत्कृष्ट नारी शक्ति के रूप में स्थापित देखना चाहती हैं।
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