Description
ABOUT THE BOOK
“काव्य तूलिका” कवयित्री उषा किरण मुदगल का एक मनमोहक प्रथम काव्य संकलन है जो हिंदी साहित्य की समृद्ध विरासत को श्रद्धांजलि देता है। अपने ओजस्वी छंदों के माध्यम से, उषा कुशलतापूर्वक निराला, जयशंकर प्रसाद, सुमित्रानंदन पंत, महादेवी वर्मा और अन्य प्रसिद्ध हिंदी कवियों की रचनाओं से प्रेरणा लेते हुए, भावनाओं का ताना-बाना बुनती हैं। यह पुस्तक एक साहित्यिक यात्रा के रूप में कार्य करती है, जो हिंदी कविता के कालजयी क्लासिक्स को श्रद्धांजलि देते हुए गहन विषयों को अपनाती है।
“काव्य तूलिका” हिंदी साहित्य के क्षेत्र में गहराई से उतरती है, पाठकों को सांस्कृतिक विरासत से ओतप्रोत एक काव्यात्मक अनुभव प्रदान करती है। उषा किरण के छंद कृष्ण, वीर भीष्म पितामह और महिलाओं के संघर्ष और विजय के आसपास के दार्शनिक आख्यानों की याद दिलाते हैं। प्रत्येक कविता इन साहित्यिक परंपराओं के सार को समाहित करती है, उन महान कवियों की भावना का प्रतीक है जिन्होंने हिंदी साहित्य की स्थायी विरासत का मार्ग प्रशस्त किया है।
“काव्य तूलिका” एक उत्कृष्ट काव्य संकलन है जो साहित्यिक परिदृश्य में अपने लिए एक विशिष्ट स्थान बनाते हुए हिंदी कविता के दिग्गजों को श्रद्धांजलि देता है। उषा किरण मुद्गल की विचारोत्तेजक कविताएँ पाठकों को एक ऐसी दुनिया में ले जाती हैं जहाँ परंपरा और आधुनिकता एक-दूसरे से जुड़ती हैं और हमें शब्दों की शाश्वत शक्ति की याद दिलाती हैं। अपने मार्मिक चिंतन और हृदयस्पर्शी अभिव्यक्तियों के साथ, उषा हमें हिंदी कविता की सुंदरता और गहराई को फिर से खोजने के लिए आमंत्रित करती हैं।
ABOUT THE AUTHOR
उषा किरण मुदगल दिल्ली से एक राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता हिंदी कवयित्री, शोधकर्ता और नृत्यकार हैं। उन्होंने अपनी कविता के माध्यम से विश्व रिकॉर्ड स्थापित किये हैं। वह “डॉन रिसर्च एंड डेवलपमेंट कॉउंसिल”(DRDC) की अंतर्राष्ट्रीय दूत हैं। उनकी प्रकाशित रचनाओं में “काव्य तूलिका” शामिल है, जिसके लिए उन्हें अनेक पुरस्कार मिले हैं। वह कई कविता संग्रहों की सह-लेखिका हैं।
उनका जन्म 1 सितम्बर 1957 को शाहदरा मे डॉ. पूर्णानंद शर्मा व शीलावती की सबसे छोटी संतान के रूप मे हुआ। उन्होंने कला क्षेत्र मे स्नातक होने के बाद हिंदी व इतिहास मे स्नात्तकोत्तर उपाधि प्राप्त की। साहित्य व नृत्य दोनो विधा उनके जीवन को पूर्ण बनाती है। 28 जनवरी 1987 मे अशोक मुदगल से परिणय सूत्र मे बंधकर ग्रहस्त्र जीवन मे प्रवेश किया।
उनका जीवन विविधता से समृद्ध है। उन्हें साहित्य और नृत्य दोनों से आनंद मिलता है। हाल ही में, उन्हें हिंदी साहित्य के प्रति योगदान के लिए “डीआरडीसी ग्लोबल” द्वारा “हॉनररी भारतीय गोल्ड मेडल अवार्ड” से सम्मानित किया गया है। उनकी पुस्तक “काव्य तूलिका” के लिए उन्हें “साहित्य स्थंभ पुरस्कार 2023” तथा “सर्वश्रेष्ठ काव्यित्री 2023” पुरुस्कार भी प्रदान किए गए हैं। उनके समकालीन हिंदी साहित्य के प्रति उल्लेखनीय योगदान के लिए उन्हें “महर्षि वाल्मीकि भारतीय गौरव सम्मान”, “टैगोर रत्न सम्मान”, “नज़रुल साहित्य सम्मान”, “ईश्वर चन्द्र विद्यासागर आइकॉनिक अचीवर्स” व “कलाम राष्ट्रीय प्रतिभा सम्मान”आदि पुरुस्कारों से सम्मानित किया गया है। इसके अतिरिक्त, अनेक संयुक्त संस्करणों में प्रकाशित उनकी कविताएँ जैसे “निर्णय” जिसके लिए उन्हें “वांडरिंग माइंडस सर्वश्रेष्ठ रचना” और “ख़ामोशी” जिसके लिए उन्हें “सर्वश्रेष्ठ संवेदनशील कविता” पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया है। “इंक्जॉइड फाउंडेशन” ने हाल ही में उन्हें “साहित्यिक विद्या में उभरती प्रतिभा” की उपाधि से सम्मानित किया है। उन्होंने अपनी कविता “शक्ति “के माध्यम से, जिसमे हिंदी साहित्य के समस्त रसों का समावेश है, विश्व रिकॉर्ड स्थापित किया है जिसके लिए “इंक्जॉइड फाउंडेशन” और “ग्लोरियस अवार्ड्स” ने उन्हें सम्मानित भी किया है। हिंदी साहित्य के प्रति उनके योगदान के लिए “वेल्थी वैलनेस फाउंडेशन” ने उन्हें “राष्ट्रीय प्रतिष्ठा पुरस्कार” से भी सम्मानित किया है। इंडियन प्राइम आइकॉन अवार्ड्स के द्वितीय संस्करण मे उन्हें सर्वश्रेष्ठ कवयित्री, लेखिका एवं वर्ष 2023 की सर्वश्रेष्ठ लेखिका की उपाधि प्रदान की गयी है। उन्हें “राइजिंग इंक 2023” पुरस्कार से भी पुरस्कृत किया गया है। उषा किरण को “होप फाउंडेशन अप्प्रेसियशन अवार्ड” तथा सिंगापुर मे आयोजित “एशियान एक्सीलेंस अवार्ड” जैसे अंतर्राष्ट्रीय पुरुस्कारों से भी सम्मानित किया गया है।
इसके अतिरिक्त कई संयुक्त संस्करण मे उनकी काव्य रचनाएं प्रकाशित हो चुकी हैं जिनके लिए उन्हें पुरस्कृत किया गया है। उनकी कई रचनाएँ समाचार पत्रिकाओं मे भी छप चुकी हैं।
उषा किरण ने हाल ही मे अपने इंस्टाग्राम हैंडल @ushakirankavyanjali पर अपनी कुछ रचनाएँ साझा करनी शुरू की हैं।
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