Description
ABOUT THE BOOK
शहर में दहशत का माहौल था। कुछ मौतें इंसानों की हुई तो कुछ जानवरों की। जिसने कातिल को देखा उसे अपने देखे पर यकीन नहीं हुआ, वो उसे शैतान या फिर हैवान कहने लगा। इंस्पेक्टर प्रशांत जो इन मौतों के पीछे के कारण को जानने की कोशिश कर रहा था उसका सामना ऐसे अपराधी से होता है जो इंसान की शक्ल में एक आदमखोर था। वो लोगों को मारता ही नहीं था बल्कि उन्हें खाता भी था। आधुनिक युग में ऐसे इंसान का अस्तित्व ढेरों सवालों को जन्म देता है जिनके जवाब ढूंढते हुए इंस्पेक्टर प्रशांत खुद उलझता चला जाता है।
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