Description
ABOUT THE BOOK
“जब चाँद सुनहरा था” बचपन के उस समृद्ध संसार को छूने का प्रयास करती है जिसमें हर एक कदम एक नया आश्चर्य और एक प्यारे पल का संगम होता है। बचपन एक ऐसा समय होता है जब हर दिन एक नई कहानी का आरंभ होता है। जहां हर पल अनजानी मस्ती से भरा होता था। बचपन एक ऐसा समय होता है जब समय अनंत महसूस होता है, हर पल एक नई खोज का मौका लेकर आता है। बचपन की ये कविताएँ हमें उन दिनों की याद दिलाती हैं जब हमारी जिंदगी एक सपने की तरह होती थी, जब हर रोज़ एक नया रंग, एक नया रंग देता था।
प्रत्येक कविता आपको उस समय में ले जाती है, जब जीवन मासूमियत और अद्भुत भावनाओं से भरा होता था। इन कविताओं के माध्यम से, आपको अपने बचपन के खिलौने, दोस्तों के साथ हँसी, और सीमित समय में भरी खुशियाँ दोबारा जीने का मौका मिलेगा। इस पुस्तक से आपको वह अनुभव होगा जब जिंदगी को मासूमियत के रंग से देखा जाता था, जहां गुजरे हुए कल की यादें सिर्फ स्मृतियों से अधिक थीं। इस अनमोल यादों के संगम में आपका स्वागत है, और आशा है कि ये कविताएँ आपको बचपन के मासूम और अद्वितीय पलों की सुंदरता को याद दिलाएंगी।
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