Description
प्रिय पाठको !
मैं अपनी पुस्तक ‘ इश्क के रंग ‘ के साथ पुन: जीवन के कुछ हसीन रंगो को उकेरने की कोशिश में हाज़िर हुई हूँ ।इसमें मिलन, जुदाई , बेवफ़ाई , दोस्ती …हर इश्क करने वाले के जज़्बातों को , उनके एहसासों को दर्शाया गया है।इतना ही नहीं , इस काव्य-संग्रह की सार्थकता इसी बात से है कि इसमें ‘ इश्क ‘ शब्द का प्रयोग 108 बार किया गया है। उम्मीद है कि ‘इश्क के रंग’ किसी न किसी रूप में अवश्य ही आपके अंतर्मन को छुएंगे और एक सुखद अनुभूति का अहसास कराएंगे।
कहते हैं कि जिसने इश्क न किया तो क्या किया? ‘ इश्क के रंग ‘ को वही पहचानता है जिसने इश्क किया हो । इश्क प्यार है , तडप है , त्याग है , समर्पण है , अपनत्व है , भक्ति है , शक्ति है , पूजा है , एक अहसास है ……। इश्क के अनेको पर्याय हैं – प्रेम, वात्सल्य , प्यार, महोब्बत आदि ।
इश्क ‘खुदा ‘ या ‘ ईश्वर ‘ से हो तो जीवन तर जाता है। मीरा का कृष्ण प्रेम भला कौन भूल सकता है ? माता – पिता के इश्क का तो कोई मोल ही नहीं होता। बच्चो की खातिर माँ-बाप अपना जीवन तक खपा देते हैं ।इंसान चाहे तो भी माँ- बाप का ऋण नहीं चुका सकता।अपनी मातृभूमि और देश से इश्क करने वाले तो सदा के लिए अमर हो जाते हैं।कुछ लोग तो अपने कर्म को ही अपना इश्क बना लेते हैं ।
महबूब से किया गया इश्क तो ताउम्र एक अनकही दास्ता बन जाती है । महबूब के एक स्पर्शमात्र से जहाँ दिल धडक जाता है , एक आत्मीय सुख की अनुभूति होती है , वही इश्क में चोट खाया दिल अपने महबूब के लिए तडपता रहता है।
अपनी मातृभूमि से किया गया इश्क तो हर इश्क/रिश्ते पर भारी पडता है। एक सच्चा देशभक्त , एक सच्चा सैनिक तो अपनी वर्दी , अपना वतन , वतन की सीमाओ और तिरंगे से बेपनाह इश्क करता है , फिर चाहे उसे इस इश्क की कीमत अपनी जान देकर ही क्यो न चुकानी पडे ।
मैं जानती हूँ कि आप भी इश्क के इन रंगो से अछूते नहीं होंगे । इश्क के रंग किसी न किसी रूप में आपके जीवन में भी भरे हैं ।
‘ इश्क के रंग ‘ अवश्य ही पाठको के दिल को छुएंगे । इन्ही शुभकामनाओ के साथ कि हर दिल में इश्क हो अपनो के लिए , अपने वतन के लिए , अपनी माटी के लिए ,समस्त मानवता के लिए । आओ , इस जीवन को इश्क के रंगो से भर दे , क्या रखा है नफरतो में ? इश्क के हर रंग का आनंद ले ।
आपका आभार
कृष्णा बुडाकोटी
परिचय
मेरा जन्म उत्तराखंड के गाँव मंजकोट (सतपुली) जिला पौडी गढवाल में हुआ। मेरे पिता जी स्वर्गीय प्रयागदत्त बुडाकोटी जी और माता जी सदा मेरे आदर्श रहे हैं । उन्ही से मैंने वास्तविक जीवन मूल्यो को जाना और उन्हे भली-भांति समझा । सत्य , निडरता , परिश्रम और मानवता के रास्ते पर चलकर कर्म करना ही मनुष्य का कर्तव्य होना चाहिए , ये उन्ही ने सिखाया।मनुष्य अपनी मेहनत और लगन से शून्य से शिखर तक पहुँचने की ताकत रखता है ।
मैं वर्ष 2008 से राजौरी के प्रतिष्ठित वैली व्यू आर्मी पब्लिक स्कूल में प्रधानाचार्या के पद पर कार्यरत हूँ । अपने कार्यकाल के दौरान मुझे कई बार सर्वश्रेष्ठ शिक्षिका सम्मान , सरला चोपडा मेमोरियल अवार्ड , साइंस ओलम्पियाड फाउंडेशन के द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान एवं दिव्यदर्शी नेतृत्व के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रधानाचार्या जिला से सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त एशियाई लिटरेरी सोसायटी तथा यू.बी.आई द्वारा आयोजित साप्ताहिक काव्य प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय,तृतीय स्थान , प्रशंसा पत्र , सम्मान पत्र तथा ग्राम्य एकता प्रेमांजलि समिति कोटद्वार , उत्तराखंड के सौजन्य से मातृ शक्ति सम्मान वर्ष 2019 से सम्मानित किया गया।
‘ जीवन एक संघर्ष ‘ मेरा प्रथम काव्य – संग्रह है जो वर्ष 2019 में प्रकाशित हुआ ,जिसमे समाज व देश में घटित अनेक घटनाओ तथा समस्याओ का यथार्थ चित्रण किया गया है ।
‘ इश्क के रंग ‘ मेरा दूसरा काव्य- संग्रह है जिसमे इश्क के अनेको रंगो को उकेरने का प्रयास किया गया है । मुझे उम्मीद है कि ‘ इश्क के रंग ‘ न केवल युवा वर्ग के दिलो को भाएगी अपितु सभी प्यार करने वालो के अंतर्मन को भी छुएगी । इसी आशा और उम्मीद के साथ कि आप सबका प्यार तथा माता-पिता का आशीर्वाद सदा बना रहे ।
About The Author
परिचय
मेरा जन्म उत्तराखंड के गाँव मंजकोट (सतपुली) जिला पौडी गढवाल में हुआ। मेरे पिता जी स्वर्गीय प्रयागदत्त बुडाकोटी जी और माता जी सदा मेरे आदर्श रहे हैं । उन्ही से मैंने वास्तविक जीवन मूल्यो को जाना और उन्हे भली-भांति समझा । सत्य , निडरता , परिश्रम और मानवता के रास्ते पर चलकर कर्म करना ही मनुष्य का कर्तव्य होना चाहिए , ये उन्ही ने सिखाया।मनुष्य अपनी मेहनत और लगन से शून्य से शिखर तक पहुँचने की ताकत रखता है ।
मैं वर्ष 2008 से राजौरी के प्रतिष्ठित वैली व्यू आर्मी पब्लिक स्कूल में प्रधानाचार्या के पद पर कार्यरत हूँ । अपने कार्यकाल के दौरान मुझे कई बार सर्वश्रेष्ठ शिक्षिका सम्मान , सरला चोपडा मेमोरियल अवार्ड , साइंस ओलम्पियाड फाउंडेशन के द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान एवं दिव्यदर्शी नेतृत्व के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रधानाचार्या जिला से सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त एशियाई लिटरेरी सोसायटी तथा यू.बी.आई द्वारा आयोजित साप्ताहिक काव्य प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय,तृतीय स्थान , प्रशंसा पत्र , सम्मान पत्र तथा ग्राम्य एकता प्रेमांजलि समिति कोटद्वार , उत्तराखंड के सौजन्य से मातृ शक्ति सम्मान वर्ष 2019 से सम्मानित किया गया।
‘ जीवन एक संघर्ष ‘ मेरा प्रथम काव्य – संग्रह है जो वर्ष 2019 में प्रकाशित हुआ ,जिसमे समाज व देश में घटित अनेक घटनाओ तथा समस्याओ का यथार्थ चित्रण किया गया है ।
‘ इश्क के रंग ‘ मेरा दूसरा काव्य- संग्रह है जिसमे इश्क के अनेको रंगो को उकेरने का प्रयास किया गया है । मुझे उम्मीद है कि ‘ इश्क के रंग ‘ न केवल युवा वर्ग के दिलो को भाएगी अपितु सभी प्यार करने वालो के अंतर्मन को भी छुएगी । इसी आशा और उम्मीद के साथ कि आप सबका प्यार तथा माता-पिता का आशीर्वाद सदा बना रहे ।
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