Description
ABOUT THE BOOK
यह लेख एक ऐसे व्यक्ति के बारे मैं है। जोकि अपनी इकलौती बेटी से बेइंतहा प्यार करता है। वह एक पल भी अपनी बेटी के बिना नहीं जी सकता है। लेकिन एक दुर्घटना मे उस व्यक्ती की बेटी जान गवा देती है। लेकिन वह ब्रेन डैड होने के बबजूत इस बच्ची के जीवंत अंग सुरक्षित होते है और प्रत्यपर्ण किए जा सकते है। इसी कड़ी में बच्ची के दिल की जरूरत अनुसार एक बच्चे के माता पिता बच्ची के माता पिता से उनकी बच्ची का दिल अंगदान करने की प्रार्थना करते है। लेकिन बच्ची के पिता इस तरह से दिल देने के लिए राजी नहीं होता। लेकिन प्रिजिनो के द्वारा समझाया जाने पर वह इस शर्त पर राजी हों जाता है। कि कम से कम उसकी बच्ची की धड़कने तो वो सकेगा। दिल के प्रत्यपर्ण के बाद बच्ची के पिता का बच्ची के धड़कनों का आदि होना बच्ची के पिता और बच्चे जिस मैं दिल का प्रत्यारोपण एक सुनहरे समय से एक जिरह अतः अंत में एक दुखद कहनी का अंत बनता है। ये शायद एक ऐसे प्यार की कहानी है जो शायद बाप बेटी के प्यार को एक अलग दुनिया मैं ले जाता है।
ABOUT THE AUTHOR
लेखक गिरिश कुमार पेशे से इंजीनियर है। जोकि अपने काम के अलावा लेखन मैं काफी रुचि रखता है। गिरिश अपनी कविताओं को फेस बूक के मध्यम से लोगो तक पहूचाता रहता है। लेखक मूल रूप से उत्तरप्रदेश के नोएडा से ताल्लुक रखता है। लेखक एक बेटा और एक बेटी का पिता है। जोकि क्रमश 12 साल और 7 साल के है। लेखक की पत्नी एक हाउस वाइफ है। यह लेखक का प्रथम प्रकाशन है।
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