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Goloka Dham

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By: Lakhan Lal Verma

ISBN: 9789354469367

Price: 249

Page: 182

Category: Juvenile Fiction / Religious / General

Delivery Time: 7-9 Days

Description

ABOUT THE BOOK

संत महात्माओं, आध्यात्मिक विद्वानों द्वारा सुनी हुई प्रवचनों, स्वयं के द्वारा आध्यात्मिक ग्रन्थों के स्वाध्याय एवं रामायण, महाभारत के कथानकों के अध्ययन से प्रभावित होकर कहानी के कलेवर में छिपे हुए गूढ़ रहस्यों को अपने विचारो से अवगत कराने का प्रयास किया गया है। पुस्तक के शीर्षक “श्री राम बने व्याध” के माध्यम से गृहस्थ क़िस तरह माया मोह के चक्कर में घिसट रहा है, प्रकृति के तीनो गुणों से युक्त मानव अपने स्वरूप को विस्मृत कर, सांसारिक माया – मोह में अपनी इह लीला समाप्त कर देता है। इस भवसागर के चौरासी के चक्कर में पड़ा रहता है। “पुनरपि जन्मं, पुनरपि मरणं, पुनरपि जननी जठरे गमनं” इस तरह जीव बार-बार जन्म लेता है और मरता है। “ईशावास्यमिदं सर्वमं” की भावना लेकर चलने से हम अपने स्वरूप को पहिचान कर भवसागर से पार हो सकते है। लेख्हक का मानोदगार सुखी पाठकों की सेवा में समर्पित है।

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