Description
“इस काव्य संग्रह में विभिन्न भावों को मैंने कलम बद्ध करने का प्रयास किया है। पूर्व में “”तुम्हारी यादें “” काव्य संग्रह प्रकाशित हो चूका है। अब आपके हाथों में है “”एक प्याला कॉफ़ी””।
प्रस्तुत संग्रह में कभी माँ से विनम्र याचना है, तो कभी प्रिय से मिलन का सुख, तो कभी प्रियतम से बिछड़ने का क्षोभ,कभी हर सिंगार, तो कभी बोलती आँखों का सौंदर्य, कभी बंजर मन की थकान, कभी खामोशियाँ, कभी प्रिय की करुण पुकार, कभी बसंत की आमद, तो कभी इश्के जहाँ की दीर्घ प्रतीक्षा है।
कभी एकाकी मानस की अद्भुत अनिवार्यता भी है। विविध भावों से, रंगों से सुसज्जित आपका द्वार खटकाता है ये काव्य संग्रह।
अंत में मैंने कुछ अशआर भी चुन कर संकलित किये हैं।
अब ये मेरा दूसरा काव्य संग्रह मेरे सुधि पाठकों के हवाले है। कुछ कही अनकही बांतो का मेला ही तो ये पुस्तक, जो अब आपकी है।
“”तुम्हारी यादें””, “”अनावरण””, “”प्रारब्ध और प्रेम””, “”सिंदूर खेला”” दे सदृश्य ही आप इसे भी स्वीकार करेंगे और “”एक प्याला कॉफ़ी”” को भी आप सभी पाठकों का स्नेह प्राप्त होगा। एकांत में आप सुहानी सुबह या शाम, हाथ में कॉफ़ी का मग और ये पुस्तक “”एक प्याला काफी””।
आपका स्नेह ही मेरा अनमोल उपहार है। विचारों से अवगत अवश्य कराएँ। कॉफ़ी के घूंट के साथ कविताओं और इन अशआरो का रसस्वादन करे और महसूस करे खामोश पलों को।”
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