Description
ABOUT THE BOOK
यह पुस्तक मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम को समर्पित हैं। अयोध्या में 500 वर्षों के संघर्ष एवं हजारों बलिदानों के बाद 22 जनवरी 2024 को भगवान राम लला अपने दिव्य, भव्य, नव्य रूप में श्री राम मंदिर में विराजमान हो गए हैं । भारतीय सांस्कृतिक समाज में मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम जी द्वारा दिए गए संदेश न केवल अनुकरणीय है बल्कि उनका आध्यात्मिक, सामाजिक, राजनैतिक महत्व है। राम का चरित्र, राम का व्यवहार, अपने-अपने राम, राम को अंगीकार करता समाज, राम राज्य की संकल्पना तथा 500 वर्षों के उस संघर्ष की व्याख्या करती हुई यह पुस्तक, पूर्ण रूप से, मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के चरित्र को रेखांकित करती है। भारतीय जनमानस में रची बसी आस्था, मूल्यों एवं धार्मिक सहिष्णुता का व्याख्यान प्रभु श्री रामचंद्र जी के चरित्र के माध्यम से इस पुस्तिका में किया गया है। निश्चित रूप से यह पुस्तक पाठकों के लिए उपयोगी सिद्ध होगी।
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