Description
“अंतस के मोती से…
“”अब जूही के अभिभावकों को सँभलना चाहिए… पता नहीं जूही कब, किसे, क्या बता दे और लोग उसका क्या अर्थ निकालें।””
(राघव का हश्र)
“”शायद ऐसे ही रिश्ते आत्मीय कहलाते हैं, जो खून के रिश्ते तो नहीं होते पर उनसे मजबूत होते हैं।””
(आत्मीयता)
“” संजना, प्लीज मुझे गलत मत समझो। मैं उससे तलाक ले लूँगा।””
(निर्णय)
“”लगता है पागल हो गए विवेक… वह एक वृद्धाश्रम था और विवेक पूछताछ कर रहे थे… किसे लाने वाले हैं वे यहाँ?””
(पूर्णविराम)
“”आप ही सदा मेरी रक्षा करती आई हैं। इसीलिए यह राखी भेज रहा हूँ।””
(राखी की लाज)
“”बच्चा मुझसे कुछ भी माँगने की सोच सकता है पर अपशब्द कहने या दुर्व्यवहार की हिम्मत भी न करे, सोचे भी ना।”
(दूरियाँ मुश्किल तो हैं…)”
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