Description
मैने इसमे जो भी लिखा है वह सब दोहे व भजन मेरे पास पुरानी डायरी मे पूर्व संचित थे | इनको मैने नए शब्द , नई कल्पना और नए भाव देकर , इसमे थोड़ा बदलाव और संशोधन कर दिया है , क्योकि इसमे पहले के भाव और शब्दावली मुझे अच्छे नही लग रहे थे और इनमे मुझे सुधार कर देना सही लगा , इसलिए मैने ऐसा किया , इसको लिखने के पीछे मेरा उद्देश्य लोगो के बीच धार्मिक सद्भाव पैदा करना और उनके बीच एकता की भावना व एकता स्थापित करना है | क्योकि मै भी इस बात से पूरी तरह सहमत हूँ की शांति मे व्यक्ति देश और राष्ट्र का चहुओर से विकास होता है और क्रान्ति मे इसका चहुओर से विनाश होता है , यहा अनेक धर्मो को मानने वाले के साथ अनेक देवी देवताओ को मनाने वाले और तरह तरह से इनको पूजने वाले और स्तुति करने वाले रहते है और बसते है और मै भी सबको समान रूप से मानता हूँ | ऐसे मे मै किसी भी व्यक्ति और उनके द्वारा मानिता प्राप्त किसी भी देव ,महादेव , भगवान , ईश्वर ,अल्लाह या अन्य कोई भी किसी की भी मै किसी प्रकार से अवहेलना नही करना चाहता हूँ और ऐसा करना न ही मुझे उचित या ठीक लगता है |
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