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Ek Jhalak

265.00

By: Tripurari Pandey

ISBN: 9789356738300

Price: 265

Page: 121

Category: Fiction / General

Delivery Time: 7-9 Days

Description

ABOUT THE BOOK

सम्वेदनशील, प्रतिभावान युवा कवि/लेखक त्रिपुरारी पाण्डेय द्वारा रचित काव्य संग्रह “एक झलक” जिन्दगी के विभिन्न रंग और उसकी सम्वेदनाओं की भावाभिव्यक्ति है। वास्तव में जिन्दगी एक किताब ही तो है, जिसके हर लम्हे एक पन्ने की तरह है। हर एक पन्ने पर अलग रूप है, स्वरुप है और अलग रंग है। जिन्दगी के इन्हीं तमाम पहलुओं को त्रिपुरारी पाण्डेय ने कागज पर रेखांकित कर जिन्दगी की किताब की मन की कल्पनाओं के माध्यम से वास्तविक किताब का स्वरूप दिया है।
कल्पनाओं को शब्दों में बुनकर, विचारों की भावनात्पक रूप में अभिव्यक्त कर काव्यरूप में सृजित करना उत्कृष्ट प्रतिभा का ही प्रतीक है, क्योंकि जिन्दगी तो हर कोई जीता है लेकिन उसे करीब से देखना-पहचानना पहचानकर उन एहसासों के साथ जीना और फिर उन्हें काव्यमय बना देना पह एक अद्भुत अनुभूति है, जिसे एक सम्वेदनशील व्यक्तित्व ही साकार कर सकता है। जिए गए तमाम पलों को कलम की जुबान में पाठकों के समक्ष पेश करना रचनाकार की क्षमता को बेहतर बनाता है, उत्कृष्ट बनाता है और निखारता है और यह प्रतिभा त्रिपुरारी पाण्डेय की कृति “एक झलक” में स्पष्ट झलकती है।

ABOUT THE AUTHOR

मैं त्रिपुरारी पाण्डेय ग्राम व पोस्ट मलयपुर, जिला जमुई, बिहार का निवासी हूँ। मुझे साहित्य में गहरी रुचि है। मुझे कविता, कहानी, आलेख लेखन आदि में अति रुचि है। मेरे लेखन कार्य को मेरी माँ (अनिता देवी) बहुत पसंद करती है और मुझे प्रेरित भी करती हैं। नारी जाति समस्याओं पर लेखन हेतु मुझे संवेदना भी देती हैं। मेरी दूसरी काव्य संग्रह के “एक झलक” का नामकरण मेरी माँ ने ही किया है। जब भी आकाशवाणी पर में अपनी प्रस्तुति देता था, मेरी माँ उस तिथि का बेसब्री से इंतजार करती थी कि कब वो समय आयेगा। जब मैं जीवन में प्रथम बार दूरदर्शन टेलीविजन पर अपनी प्रस्तुती दे रहा था, तो माँ अति भावुक एवं खुशी महसूस कर रही थी।
जब भी मैं रचना लिखता था एवं आकाशवाणी में प्रस्तुती देता था तो मैं पहले अपने विद्यार्थीयों के मध्य कविता पढ़कर सुनाता था। मेरे विद्यार्थियों में खुशी, कोमल, सृष्टि, आँचल, मनिषा, अंजलि, छोटी, सिमरन, नितेश, पिन्टू, अजय, सनोज आदि जो मेरे साहित्यिक सृजन में रुचि रखते हैं, उनके बीच लॉकड़ाउन में मेरी रचना ‘घरों में रहा कीजिए काफी चर्चित रही। अनेक टी. वी. चैनलों पत्र-पत्रिकाओं के माध्यम से कोरोना से बचाव का मैं संदेश देते रहा। दूरदर्शन के चर्चित कार्यक्रम ‘उड़ान’ में मेरी रचना ‘मी जीत के आऊँगा मैं’ की लोगों ने काफी सराहना की। आकाशवाणी से मेरी रचना और वार्ता कई मर्तबा प्रसारित हुए। झारखण्ड के अखवार ‘खबर मंत्र’ में मनोज सर के सहयोग से अनगिनत लेख व कविताएँ प्रकाशित हुए और अनवरत हो रहे हैं।
आलेख, कहानी, कविता आदि को अखबार में प्रकशित होने का श्रेय मैं आदरणीय मनोज पाण्डेय सर जी को देता हूँ क्योंकि उन्होंने मेरी लेखनी की कद्र कर मुझे अपनी रचनाओं को अखबार में प्रकाशित होने का मौका दिया। इसके लिए मनोज पाण्डेय सर को हार्दिक आभार एवं उन सभी लोगों को भी आभार व्यक्त करता हूँ, जिन्होंने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से मेरी रचनाओं को आगे बढ़ाने में सहयोग दिया। मेरी काव्य कृति “एक झलक” प्रकाशित होने में जिन लोगों ने सहयोग दिया, मैं उन सभी लोगों का भी आभार व्यक्त करता हूँ।

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