Description
About the Book
बचपन से ही कविता लिखने का शौक था। शाला की वार्षिक पुस्तिका में लिखा करता था। फिर कालेज में कविता पठन, सम्मेलन में भाग लिया करता था। सरकारी विभाग में नौकरी की वजह से विभागीय मैग्जीन में अनेक कविता प्रकाशित हुई। पिछले कुछ समय से कविता कहानी लेखन का कार्य अब सोशल मीडिया पर हो रहा है। यह कविता संग्रह करीब एक साल से जो कुछ भी लिखा है उसका परिणाम है। अलग अलग समय पर मन के विचारों को मूर्त रूप दिया। सोशल मीडिया और मित्रों के तथा परिवार के सदस्यों और गुरु जनो के प्रोत्साहन के कारण से इसे प्रकाशित करने की योजना बनी। विद्यमान प्रकाशक के साथ मंथन करने पर पुस्तक प्रकाशित हो रही है। प्रकृति प्रधान कविता ज्यादा हैं। मानवीय स्वभाव, संवेदना, परिस्थिति पर भी लिखने की कोशिश की है। आशा है कि प्रबुद्ध पाठक गण मेरे प्रयास का स्वागत करेंगे।
About the Author
मेरा जन्म जबलपुर में हुआ। शालेय शिक्षा हिंदी माध्यम में हुई जिस वजह से हिंदी भाषा के प्रति प्रेम स्वाभाविक रूप रहा है। तत्कालीन शिक्षा व्यवस्था ऐसी थी कि ज्ञान ग्रहण का महत्व था। नंबर लेकर अव्वल आने का नहीं। इस कारण नित नूतन पुस्तकों का अध्ययन, हिन्दी भाषा के लेखकों की रचनाओं पर मनन चिंतन, चर्चा आदि आम बात थी। जो आज मुझे लगता है कि एक ज्ञान रूपी वृक्ष बनी। इंजीनियरिंग की शिक्षा ग्रहण करने के बाद मुंबई, दिल्ली, महाराष्ट्र के विभिन्न नगरों में नौकरी की वजह से रहना हुआ, इसी दरम्यान अध्ययन और अध्यापन दोनों कार्य होते रहे। कला की अन्य विधाओं जैसे नाटक और संगीत में विषेश रूची है। लगभग संपूर्ण भारत भ्रमण किया तथा विदेशों में भी यात्रा की है। वर्तमान में हिन्दी के अलावा मराठी तथा अंग्रेजी भाषा में लेखन कार्य जारी है। एक समीक्षक, विश्लेषक के तौर पर विभिन्न विषयों पर विचार लेखन, संभाषण कार्य हो रहा है। आशा है कि प्रबुद्ध पाठक गण मेरे प्रयास का स्वागत करेंगे।
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