Description
इस रचना में प्रेम का अनोखा रूप प्रस्तुत किया गया है यह रचना उस समय की है जब रियासती और जमीदारी प्रथा थी इस रचना के सभी पात्रों के चरित्रों में आप स्नेह प्रीत त्याग स्वार्थ कठोरता एवं कोमलता के दर्शन करेंगे यह पात्र कहीं ना कहीं आपके हृदय को छू कर आपको एक अलग ही दुनिया में ले जाएंगे जो सत्यता के बहुत निकट होगी प्रस्तुत रचना काल्पनिक होते हुए भी शत प्रतिशत सत्यता को लिए हुए हैं आशा है आपको अवश्य पसंद आएगी……..मेरी वियोगिनी
About The Author
“Name – Baijnath Yadav
D.O.B- 20/03/1943
Education- M.A(English and Hindi)
Work – Worked in Railways as a Station Manager approx 40 years
Hobbies- Writing and Music
Nature- A very sweet and lovable person”
Reviews
There are no reviews yet.