Description
“पुस्तक प्रणयोत्सव में यूँ तो जीवन के हर रंग, लय ताल को दर्शाने का प्रयास किया गया है। परंतु पाठकों की रुचि व पठन में सुविधा को ध्यान में रखकर इसे पाँच भागों में बाँटा गया है :-
(1) प्रणय ताल – जैसा की नाम से ज्ञात होता है इसे यदि ताल यानि सरोवर कहें, तो इस में भीगने, तैरने, डुबकी लगाने या डुब ही जाने सबका अपना आनंद है।
यदि प्रणयताल (लय/रिदम)कहें तो इस सुरीली ताल पर झूमिये या थिरकिये आपकी इच्छा।
तो लिजिये अपने प्रियजनों के साथ प्रणयताल का आनंद।
(2) आधी आबादी-मेरा अक़्स – इसमें दुनिया की आधी आबादी यानी नारी का प्रतिबिंब दर्शित है।
स्त्री की भावनाएं,सौंदर्य,सोच अर्थात नारी-शक्ति को नमन।
(3) लय जिंदगी की( रिदम आफ लाइफ) –
पुस्तक के इस फ्रेम में जीवन के विभिन्न रंग, जीवन को सकारात्मक तरीके से जीने के बारे में रचित काव्य संग्रह है।
(4) राग रिश्तो का – उत्सव कोई भी हो बिना राग-रंग अधूरा है, इसलिए पुस्तक में रिश्तो की राग की मधुर तान की बानगी भी है। जो एक बार सभी को रिश्तो के बारे में सोचने पर विवश तो करने के साथ होठों पर हँसी व मस्तिष्क में मीठी यादों का कारवां ले आएगी ।
(5) दर्पण समाज का – पुस्तक के इस भाग में समाज को प्रतिबिंबित किया गया है। कुरीतियों ,सामाजिक विडंबनाओं आदि पर कटाक्ष के साथ ही उज्जवल भविष्य की आशा व प्रेरणा की झलक भी इस दर्पण में पूर्णतः दिखाई गई है।”
About The Author
लता सिंह ‘सर्वप्रिया’ परिचय
आज मैं लता अपनी प्रथम रचना कृति के जरिए आप सब पाठकों से रूबरू हूँ। मेरा परिचय बहुत सरल सा ही है ।
मेरी शिक्षा – एम. ए. (संस्कृत), यूजीसी नेट, बीएड ।
लेखन की और मेरा रुझान बचपन से ही रहा है ,किंतु पुस्तक प्रकाशन की प्रेरणा का श्रेय मैं अपने परिवार, प्रिय विद्यार्थियों और सोशल मीडिया के चुनिंदा मित्रों को देना चाहूँगी ।
मेरे कुछ ही वर्षों के अध्यापन अनुभव में सहकर्मी मित्रों व विद्यार्थियों ने मेरी बोलने की शैली से प्रभावित हो पुस्तक लिखने को प्रेरित किया ।बाद के कुछ वर्षों में सोशल मीडिया ने इस रुचि को और विशाल मंच प्रदान किया ।
मेरी रुचियों की सूची में लेखन के अलावा संगीत, नृत्य, बागवानी, पाक कला व पर्यटन भी शामिल है ।आयुर्वेद व प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति भी काफी हद तक मेरे ज्ञान के दायरे में आती है ।
जीवन के प्रति मेरा नजरिया बहुत सीधा सरल है “जिंदगी ना मिले दोबारा, सो जब तक जियो खुल कर जियो ,मौत से पहले क्यों मरा जाये और संसार में भगवान की बनाई हर श़ै का आनंद लिया जाए ।स्वयं को खुश रखने की जिम्मेदारी बिना किसी को दुखी किये निभाते रहो।” इसे जीवन जीने की कला /आर्ट ऑफ लिविंग कहो या सफल जीवन का फंडा ।
मेरे नाम और मेरी तरह छोटा सा ही है मेरा परिचय।
सभी प्रेरणास्रोतों व मेरी पुस्तक के भावी पाठकों का हार्दिक आभार 🙏🏼
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