लेखिका अमृता श्रीवास्तव MA LLB है और वर्किंग प्रोफेशनल हैं | लिखना इनका शौक था जो अपने रीडर्स से जुड़कर उनसे प्रोत्साहन पाकर उनका ज़ुनून बन गया | अपने अनुभवों पर लिखना जैसे साँस लेने जैसा ज़रूरी हो गया | लेखिका वेबसाइट के लिए लिखती हैं और बहुत बार अपनी रचनाओं के लिए पुरस्कृत की जा चुकीं हैं | वेबसाइट पर उनके फॉलोवर्स 3500 से ऊपर हैं और विएवेरशिप 58M पहुँच चुकी है | इनके बुक्स अमेज़न पर उपलब्ध है | इस संग्रह में इनकी मनपसंद कहानियों को एक जगह रखा गया है | लेखिका ने अपनी कहानियों को सरल शब्दों में आप तक पहुँचाने की कोशिश की है | दिलों को दिलों तक पहुँचाने वाली इस कहानी की श्रृंखला में आप भी जुड़ने को तैयार हो जाये |
लेखिका को samritashri@gmail.com पर सम्पर्क किया जा सकता है |
“कहानियों की बात करूँ तो लगता है, जीवन से जुड़े अनुभव हमें परिपक्व बनाते है, जैसे चेतना को झकझोर से जातें है | शायद जीवन से जुड़े यह अनुभव चाहे मेरे अपने हो या मेरे किसी प्रिय साथी के, पल पल मुझमें सांसे ले रहें हैं | मुझे लगता है इन अनुभवों को अगर शब्दों ना बांध पाती तो एक बैचनी का रूप ले लेती, इसमें कोई शुबहा नहीं |
आज भी जब इन कहानियों को पढ़ती हूँ, तो सहसा यह जीवंत हो उठती हैं | जीवन के इन मधुर -कटु अनुभवों से उपजी यह कहानियाँ ही मेरी प्रिय कहानियाँ हैं | आशा है इन कहानियों के जरिये आप भी एक लगाव महसूस करेंगे जैसे मैं महसूस करतीं हूँ |
धन्यवाद देना चाहूंगी ,इस लिखने की यात्रा की शुरुआत से लेकर अब तक एक मज़बूत सम्बल देते हुए अपने परिवार और मित्रों का | सबसे पहला धन्यवाद अपनी बेटी अम्बिका अखौरी को देना चाहूंगी जिसने मुझमें लिखने के लिए उत्साह जगाया | मेरे पति मनीश अखौरी का जो मेरे रीडर ही नहीं आलोचक भी हैं | मॉस्प्रेस्सो की वेबसाइट को जिसने मेरी कहानियों को एक मंच दिया | आभारी हूँ मैं अपने सहयोगियों और मित्रो का जिन्होनें मुझे हमेशा प्रोत्साहित किया | याद करना चाहूंगी लोपा और नज़्मा को जिन्होंने अपना समय दिया और मेरी कहानियों को एक आलोचक और प्रशंसक दोनों की तरह देखकर अपनी सलाह दी |
आशा है इन कहानियों के जरिये आप भी एक लगाव महसूस करेंगे जैसे मैं महसूस करतीं हूँ |”