Description
ABOUT THE BOOK
मैं प्रीती कुमारी पाल,अपने आस-पास और समाज तथा प्रकृति से जूड़ा और प्रेम संबंध के बारे में, भक्ति से जुड़ाव, मोहकता श्रृंगार विकार और कटाक्क्ष पर लिखती हूँ।
मेरे पास एक लम्बी कहानी हैं, और छोटी-छोटी कहानियों की गांठ है। आप सभी को पसंद आए यही कामना है हमारी, तभी मैं और प्रोत्साहन होकर लिख पाऊंगी। आपका साथ सबका हाथ तभी और ज्यादा होगा भारत का विकास इसके लिए आपको और हमको एक होना होगा कर्म और विचारों से एक नई सोच के साथ संयमता लाकर भारत बदलने में एक अहम भूमिका लानी चाहिए।
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