Description
ABOUT THE BOOK
भारत का इतिहास वीरता और बलिदान की अनगिनत कहानियों से भरा है। इस पुस्तक में, पन्ना धाय माँ के अद्वितीय त्याग और मातृभूमि के प्रति उसकी निस्वार्थ भक्ति का वर्णन किया गया है। जब चित्तौड़ पर संकट आया, तो पन्ना धाय ने राजकुमारों की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया, जो कि इतिहास में अमर हो गया। यह खंडकाव्य पन्ना धाय की वीरता को उजागर करते हुए आज की पीढ़ी को प्रेरित करने का प्रयास है।
लेखक ने इस कृति के माध्यम से राणा सांगा और उनके वंशज महाराणा प्रताप की वीर गाथाओं को भी समाहित किया है, ताकि पाठक उनके साहस और बलिदान को समझ सकें। संतोष मोहन्ती की यह रचना मातृभूमि की रक्षा में माताओं की महत्ता को दर्शाती है।
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