Description
ABOUT THE BOOK
मुख्य रूप से इस कहानी के किरदार 9 हैं। आलोक, आकाश, प्रकाश, सूरज, सती, सीमा, तेनजिन, तपस्वी और महर्षि। ये कहानी बस दो विचारों के बीच की है जो पहला विचार मानता है कि भगवान है तो कहाँ है, वह मेरे सामने आए या तो मैं इस सृष्टि को ही तबाह कर दूंगा और दूसरा विचार मानता है कि भगवान जहाँ भी है, लेकिन वह किसी भौतिक रूप में नहीं है जो हमारे सामने आएगा, हमें उसके विज्ञान को समझना होगा। पहला विचार भी भौतिक और ऊर्जा के नियमों को भली–भाँति जान रहा होता है, इसीलिए वह इस सृष्टि को तबाह कर, अपनी खुद की नई दुनिया बनाना चाहता है। वह सोचता है कि कोई शक्ति है इसके पीछे तो वह मुझे ज़रूर रोकने में कामयाब होगी या तो मेरी अपनी खुद की बनाई हुई दुनिया होगी। खुद का उसका सूर्य होगा, खुद का उसका चाँद होगा …आदि। यह कहानी का मुख्य किरदार “आलोक” आप लोगों को इस कहानी के भावनाओं से आपको मिलाने जा रहा है।
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