Description
“पुस्तक “ओस की बूँदें” मेरी और श्रीमती मीना शर्मा जी की कविताओं का संकलन है। पहले भाग में मीना जी की कविताएँ हैं और दूसरे भाग में मेरी।
आप देखेंगे कि हम दोनों की रचना शैली एकदम अलग है। मीना जी हिंदी में स्नात्तकोत्तर हैं और पिछले करीब 20-25 वर्षों से हाईस्कूल और जूनियर कॉलेज में हिंदी का अध्यापन कर रही हैं। इसलिए स्वाभाविक ही है कि उनकी शब्द संपदा साहित्यिक है और वैसी ही उनकी कविताएँ भी। मैं एक अहिंदी भाषी हूँ और हिंदी में मेरी शिक्षा हायर सेकंडरी तक की है। मेरी भाषा सरल साधारण है।
इससे पहले मेरी “हिंदी प्रवाह और परिवेश” और “अंतस के मोती” इसी प्रकाशन से प्रकाशित हुई हैं। हमारी पूर्व प्रकाशित पुस्तकों का विवरण पृष्ठावरण पर प्रस्तुत है। आप सारी पुस्तकों के लिए मुझसे संपर्क कर सकते हैं या फिर इविंस प्रकाशन की पुस्तकों के लिए प्रकाशक से संपर्क कर सकते हैं।
अब तक की प्रकाशित पुस्तकों पर पाठकों का आशीर्वाद मिला है। मैं सभी ज्ञानी पाठकों का आभार प्रकट करता हूँ। आशा करता हूँ कि आगे भी आपके ऐसे ही स्नेह की प्राप्ति होगी।
इस पुस्तक का संकलन मेरी जिम्मेदारी थी और प्रूफ रीडिंग मीना जी की। दोनों के सहयोग से ही पुस्तक का स्वरूप बनकर आया। कदम – कदम पर ऐसे सहयोग के लिए मैं मीना जी का आभारी रहूँगा। प्रकाशन कार्यों के लिए मैं प्रकाशन विभाग का आभार व्यक्त करता हूँ।
अंततः इविंस प्रकाशन के सहयोग से प्रकाशित पुस्तक आपके हाथों में है। कृपया पढ़ें और रचनाओं पर अपनी राय दें। साथ ही साथ सुधार और बेहतरी के लिए सुझाव भी दें, तो शुक्रगुजार रहूँगा।
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About The Author
“श्रीमती मीना शर्मा
शैक्षणिक योग्यता – मुंबई विश्वविद्यालय से हिंदी में एम. ए., बी. एड. ।
कार्य – पिछले तेईस वर्षों से उच्च माध्यमिक विद्यालय तथा जूनियर कॉलेज में हिंदी और मराठी का अध्यापन जारी है।
प्रकाशन –
वर्ष 2018 में “अब ना रुकूँगी” नाम से Meena Sharma
एक कविता संग्रह प्रकाशित।
वर्ष 2020 में “काव्य प्रभा” नामक साझा संकलन में कविताएँ प्रकाशित।
लेखन – अभिव्यक्ति का प्रिय माध्यम लेखन, बहुत समय तक डायरियों में बंद रहा।कुछ कविताएं स्थानीय समाचार पत्रों में प्रकाशित हुईं। पिछले चार वर्षों से अपने निजी ब्लॉग “ चिड़िया” पर लिखना जारी है। कहानी, संस्मरण, लेख, लघुकथा, कविता आदि विविध विधाओं में लिखती रही हूँ। कविता की शब्द लहरियाँ मेरे मन को अधिक गहराई से स्पर्श करती हैं।
माड़भूषि रंगराज अयंगर
शैक्षणिक योग्यता – बी एस सी, इलेक्ट्रिकल इंजिनीयर.
प्रबंधन में डिप्लोमा।
कार्य – इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन से 2015 में सेवा निवृत्त।
प्रकाशन –
“दशा और दिशा” – 2016,
“मन दर्पण” – 2017,
“हिंदी प्रवाह और परिवेश” – 2018,
“अंतस के मोती (साझा)” – 2019,
“गुलदस्ता” – 2020.
पाँच पुस्तकें प्रकाशित।
इंडियन ऑयल की पत्रिकाओं, नागपूर व राजकोट से रेल्वे की पत्रिकाओँ, राजकोट, नागपूर की नराकास की पत्रिकाओं, अन्य अखबार व पत्रिकाओं मे रचनाएँ प्रकाशित।
कविता, समसामयिक विषयों पर लेख, कहानियाँ मेरी प्रमुख विधाएँ हैं ।
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